बिहारवासियों के लिए बहुत ही खुशी की खबर है. जोकि यूपी और बिहार की सीमा का विभाजन करती नारायणी नदी यानी की गंडक के पिपराघाट-पखनहां में पुल का निर्माण होने वाला है. इसके अलावा तमकुहीराज से बेतिया तक नए राजमार्ग को बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरु हो गया है.
दोस्तों कहा जा रहा है की एनएच 727 (एए) को बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य अंतिम चरण में है. इसमें भू-स्वामियों को एमवीआर से चार गुणा अधिक भुगतान होने वाला है. और तो और भू–अर्जन के लिए थ्री डी का प्रकाशन भी हो चुका है. इसको बनाने के लिए कुल 3294.16 करोड़ रुपए खर्च होने वाला हैं.
ग्रीनफील्ड फोरलेन तथा पुल का निर्माण
बिहार के लोगों के लिए खुशी की बात यह है की गंडक नदी पर पुल तथा उसके दोनों तरफ फोरलेन सड़क बनाने की मंजूरी मिल गई है. बहुत ही जल्द 29.24 किलोमीटर ग्रीनफील्ड फोरलेन तथा गंडक नदी पर पुल बनाने का काम शुरु हो जाएगा. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से जून में निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी की जा रही है. और तो और सर्वे कर भूमि का सीमांकन व पुल निर्माण के लिए स्थानको चुन लिया गया है.
कहा जा रहा है की पुल का निर्माण बिहार के बेतिया के मनुआपुल एनएच-727 एए से उत्तर प्रदेश के तिवारी पट्टी यानी की तमकुहीरोड एनएच-720 के बीच वाला है. जोकि सड़क और पुल की कुल लंबाई 29.22 किमी रहने वाली है. ध्यान देंने वाली बात यह है की इसमें 27.18 किमी में गंडक नदी पर पुल व ग्रीनफील्ड फोरलेन बिहार में बनने वाला है. इसके अलावा 2.04 किलोमीटर सड़क को बनाने का काम उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में होगा.
गंडक पर 11.24 किलोमीटर लंबा पुल निर्माण
आपको बता दें कि गंडक नदी पर लगभग 11.24 किलोमीटर लंम्बा पुल बनने वाला है. इसके अलावा एनएच निर्माण के दौरान ही नारायणी नदी पर पिपराघाट-पखनहा महासेतु पुल, नई सड़क, बाईपास तथा ओवरब्रिज बनने वाला है. आपके जानकारी के लिए बता दे की उत्तर प्रदेश के सेवरही से बिहार की बेतिया की दूरी सिर्फ 21 किमी है, जो पुल न होने के कारण एनएच 28 के रास्ते क़रीब 160 किमी हो जाती है. पुल के निर्माण हो जाने से लाखों लोगों को फायदा होगा.