उत्तर प्रदेश का सबसे प्राचीन शहरों में से एक वाराणसी जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है. इस पवित्र नगरी में आवागमन को सुगम बनाने के लिए देश का पहला रोप वे ट्रांसपोर्ट सिस्टम विकसित किया जा रहा है. यह परियोजना वाराणसी के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी. वाराणसी में काशी विश्वनाथ तक लिए सफ़र के लिए अब ट्रैफिक के धक्के खाने के जरुरत नहीं है. अब असमान में उड़ कर आप यात्रा कर सकते है.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में इस रोप वे ट्रांसपोर्ट का मुख्य उद्देश्य काशी विश्वनाथ धाम की यात्रा को आसान बनाना है. वर्तमान में वाराणसी से इस धाम तक पहुंचने के लिए लोगों को यातायात की भीड़भाड़ और संकरी गलियों से गुजरना पड़ता है. वर्तमान में इस यात्रा को करने में कुल 45 मिनट का समय लगता है लेकिन अब महज 15 मिनट में यह यात्रा पूरी की जा सकेगी.
इस रोपवे के निर्माण में कुल 807 करोड़ रुपया का खर्च आया है. ऐसा माना जा रहा है आगामी दीपावली पर इस रोपवे को शुरू कर दिया जायेगा. शुरू होने के बाद इस रोपवे को दिन रात मिला कर 16 तक परिचालन होगा. प्रति एक मिनट 30 सेकंड पर रोपवे का परिचालन होगा. एक साथ 150 ट्राली आसमान में आती जाती दिखेगी.
इस रोपवे से वाराणसी से कशी विश्वनाथ मंदिर के लिए प्रत्येक घंटे 6 हजार लोग यात्रा कर सकते है. इसका ट्रायल भी शुरू हो चूका है. दीपावली के दिन इसकी शुरुआत की जाएगी. इसे स्विट्ज़रलैंड की एक कंपनी बना रही है. सभी इक्विपमेंट भी उसी कंपनी द्वारा दिया गया है.